वास्तविक घटनाओं से प्रेरित तथा रचनात्मक स्वतंत्रता से सुसज्जित यह नाटक जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर देता है
फिल्म की कहानी एक खुफिया क्षेत्र अधिकारी ज़ूनी हक्सर (यामी गौतम धर) पर आधारित है
जो अपनी सफलता के बावजूद एक 'असफल' मुठभेड़ के बाद दिल्ली में स्थानांतरित हो जाती है
'अनुच्छेद 370' रचनात्मक स्वतंत्रता को साथ लेकर राष्ट्रवाद की भावना जगाने का प्रयास करता है
बहरहाल, यह फिल्म दो बार के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक आदित्य सुहास जंभाले की एक आशाजनक शुरुआत है
जो संकेत देती है कि भविष्य में उनसे बहुत कुछ की उम्मीद की जा सकती है
'आर्टिकल 370' देखने लायक है, जो दर्शकों को बांधे रखने और निवेशित रखने के लिए पर्याप्त सामग्री प्रदान करती है।